हे वासुदेव तुम कितने दयालु कितने कर्मठ कितना सुन्दर कुटुम्ब तुम्हारा, जहां गूंजे बं हे वासुदेव तुम कितने दयालु कितने कर्मठ कितना सुन्दर कुटुम्ब तुम्हारा, ...
माँ भगवान का रूप है। धरती पर स्वर्ग स्वरूप है। माँ भगवान का रूप है। धरती पर स्वर्ग स्वरूप है।
मैं तन पर लादे फिरता हूँ,दुशाले रेशमी लेकिन, तेरी गोदी सी गर्माहट,कहीं मिलती नहीं माँ। मैं तन पर लादे फिरता हूँ,दुशाले रेशमी लेकिन, तेरी गोदी सी गर्माहट,कहीं मिलती ...
दादी के बाद तो रिश्ता और गहरा अब केवल मैं, मेरी आत्मा व फरिश्ता... दादी के बाद तो रिश्ता और गहरा अब केवल मैं, मेरी आत्मा व फरिश्ता...
माँ माँ
बलखाये , क्षण भर में ये घूम आये देखो सारा संसार, हवा से तेज भागे है मन फिर भी थकना पा बलखाये , क्षण भर में ये घूम आये देखो सारा संसार, हवा से तेज भागे है मन फिर...